सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई
भज मोरे भाई भजो रे मोरे भाई
सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई
यही दहियां आ को मल मल धोये
चन्दन चोब लगाई
यही दहियां पे कागा विराजे मानुष देह की दिनाई
सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई
माया ठगनी जिसको ठग ली
सत्ये गया विस्राई
जो ठगने माया ठग लीना
राम मिले सुख दाई
सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई
चार दिनों की ये काया है
सत्ये याहा कशु ना ही
सूरत रे टोरी गल जल गई है
किरत हाट विकारी
सकल ध्वजा राम भज मोरे भाई