दिल से दिल भरके ना देखि मूर्ति सियाराम की
हर दिल के अंदर बसी है झांकी सियाराम की
भगत हो तो ऐसे हो जैसे है हनुमान जी
सीना फाड़ करके दिखाई मूर्ति सियाराम की
दिल से..........
भगत हो तो ऐसे हो जैसे है प्रह्लाद जी
कर्म खम्बे में दिखाई मूर्ति सियाराम की
दिल से..........
भगतन हो तो ऐसी हो जैसी मीराबाई जी
जहर को अमृत बनाया जय जय सीताराम की
दिल से.........