करुना का है रूप भगवती

करुना का है रूप भगवती माँ की महिमा अनुपम है
अशत बुजी जगदम्बे मा का सर्व शरेस्थ उतम है
करुना का है रूप भगवती माँ की महिमा अनुपम है

सब का करती पालन तू माँ सब को करती प्यार अपार
माँ तेरी ये गरिमा निराली करे बचो को भव से पार,
जिसने जाना तुझे हिरदये से करती सब का बेडा पार
दया की दृष्टि माता इस जग में गुण उतम है
करुना का है रूप भगवती माँ की महिमा अनुपम है

मगन रहू तेरी भगती में सुख दुःख का मैं त्याग करू
तेरी ममता के साए में जीवन को न्योछर करू
जानू न मैं विधियाँ कोई जप तप पूजा कैसे करू
जय माता दी जय जगदम्बे भजना सब से उतम है
करुना का है रूप भगवती माँ की महिमा अनुपम है
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