ढोलक वजदी छेने वजदे गूंज रहे जयकारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,
भोले माँ दे भगता ने आज रल के जगन रचाया,
जगमग होई किना सोहना भवन सजाया,
संगता आइय दें वदाहिया झूम रहे ने सारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,
आ गणेश मानके माँ दे भगता जोत जगाई,
करी बेनती सचे मन नाल माँ जागे विच आई,
दर्शन करलो झोल्लिया भरलो खुल गये ने भंडारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे....
जगदम्बे ने खोलिया साड़ी बदकिस्मत दा ताला,
राज कुमार नाल घूम रह है कर्मा रोपर वाला,
शेरा वाली मेहरावली सबदे भेड़े तारे,
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,