तेरे चरणों की छाव चाहिये मैया मुझको तेरा प्यार चाहिये,
रेहम नजर करदो दातिए मेहर करो,
तेरे दर के हम तो भिखारी है,
माँ भरदो झोलियाँ खाली है तू शक्ति सरूपा जग जननी दुखडो को हरने वाली है,
तेरे दर्शन की सौगात चाहिये मैया तेरा दीदार चाहिये रेहम नजर करदो,
दातिए मेहर करो........
तेरे भवन की एक शान है जो आता है खाली न जाता,
झोली भर देती भगतो की तेरे चरणों में सब मिल जाता,
मेरी अर्ज स्वीकार होनी चाहिये फिर तेरी मर्जी वाली बात होनी चाहिये,
ये विनती काबुल करो
दातिए मेहर करो........
तू जानी जान है माता सब लेखा जोखा तू करती,
तेरे दर पे जो भी आता है उसके भंडारे तू भर्ती,
तेरा नाम जुबा पे बार बार चाहिये तेरी सेवा वाला मुझे काम चाहिये,
बिंदु की अर्ज सुन लो,
दातिए मेहर करो...........