अपनी दीवानी को बिरहन बना के

अपनी दीवानी को बिरहन बना के,
क्यों तू बुलाया श्याम मथुरा में जा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,

निष् दिन यमुना तट पे बंसी बजाते थे
अपनी प्रीत की धुन में पागल बनाते थे
शीश जैसा तोड़ दिल को लगा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,

दिल से चैन छीन लिया नैनो से निंदिया
धू मिल पड़ी श्याम है तेरे बिना बिंदियाँ
सूज गई आँखे संजय नीर बहा के
अपनी दीवानी को बिरहन बना के,

श्रेणी
download bhajan lyrics (740 downloads)