झनक उठे पाओ की प्यालियाँ

झनक उठे पाओ की प्यालियाँ भजे रे जब श्याम की मुरलियां
सुध बुध खोई राधा यमुना के तट पे नाच रही बन के वन्वारियां
झनक उठे पाओ की प्यालियाँ

कुछ तो बात कान्हा बंसी में जरुर है राधा रानी नाचने को हुई मजबूर है
ललिता भी घूम रही राधा के संग में सरे ब्रिज वाला नाचे भाव के उमंग में
खिल खिला के हस रही फूलो की कलियाँ
घर है कदम के गलियां
झनक उठे पाओ की प्यालियाँ

लाल चुनरियाँ ओढे नीले आस्मां में हुए सब मोहन के मन मोहक मुस्कान पे
मुरली बजा तू कान्हा सब को लुभाते है देव लोक से देवता भी फूल बरसाते है
स्वर्ग से सुंदर घटा छाई मधुवन में चेहक रही वृंदावन की गलियां
झनक उठे पाओ की प्यालियाँ

श्रेणी
download bhajan lyrics (873 downloads)