दर्श दिखा मोहे ना दर्श दिखा
तरस गई आ मैं तरस गई आ
छड के ज़माना मैं लड़ तेरे लगी आ
अपना बना नही ते झूठी मैं भजी आ
नाम वाला रंग मेनू आप चड़ा,
तरस गई आ मैं तरस गई आ
भगता नु तारे भव बन के खिवैयाँ,
रो रो पुकारा मैं सारा न लईयां
केहड़े गुनाहा दी पाइयां सजा
तरस गई आ मैं तरस गई आ
कमल कपिल पूरी दीप जलाई
तेरे मिलन लई कर्म कमाए
राधा के संग आके रास रचा
तरस गई आ मैं तरस गई आ