क्या मांगू घनश्याम मैं तुमसे क्या मांगू
रोम रोम में रम जाओ और मैं तुमसे क्या मांगू
क्या मांगू घनश्याम मैं तुमसे क्या मांगू
धन ना मांगू प्रभु मान ना मांगू
झूठी जाग की शान ना मांगू
देना हो तो देदो प्यारे जपने को हरी नाम रे
क्या मांगू घनश्याम मैं तुमसे क्या मांगू
हे मनमोहन हे गिरधारी,
पार करो प्रभु नाव हमारी,
जहा भी तेरा दर्शन पाउ,
वही वसे सुख धाम रे,
क्या मांगू घनश्याम मैं तुमसे क्या मांगू
अब तो सुन लो अर्ज़ हमारी,
दर्शन दे दो बांके बिहारी,
पग पग पर मैं ठोकर खाऊ,
सुनलो हे मेरे श्याम रे,
क्या मांगू घनश्याम मैं तुमसे क्या मांगू