म्हारी लगी राम से प्रीत
म्हारी लगी हरी से प्रीत
राणोजी करमाँ रो संगाती राणा कोई भी नहीं
एक माता के दोय लाडला जी, ज्यारा न्यारा न्यारा भाग
राणोजी करम रो संगाती ...
एक के सिर पर छत्र फिरे, दूजो बिक्शा मांगर काहय
राणोजी करम रो संगाती ...
एक गऊ का दोय बाछड़ा जी, ज्यारा न्यारा न्यारा भाग
राणोजी करम रो संगाती ...
एक तो शिवजी को नाँदियो बने, दूजो बिणजारै को बैल
राणोजी करम रो संगाती ...
एक माँटी का दोय बाटला जी, ज्यारा न्यारा न्यारा भाग
राणोजी करम रो संगाती ...
एक तो शिवजी कै जल धारा चढ़ै, दूजो शमशाणा मँ जाय
राणोजी करम रो संगाती ...