कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
जरा सी भी तुझमे नफरत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
निगाहो ने देखे है चेहरे हज़ारो,
कोई माँ तेरे जैसी सूरत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
तुझे दर्द देते है कुछ तेरे बेटे,
मगर तुमको उनसे शिकायत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
मेरी माँ तेरा हक़ अदा कर सके जो,
किसी में भी इतनी ताकत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
जिसे माँ ने सीने से अपने लगाया,
ज़माने की उसको जररूत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
तेरे सामने क्या दुनिया ये दौलत,
ज़माने में तुझ जैसी रेहमत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,
अनीस उसको रब से सदा गम मिले गे,
जिसे अपनी माँ से महोबत नहीं है,
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है,