अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू,
ये भोले मस्ती में झूले जब कावड काँधे में झूले
गंगा में डूबकी ला दू सावन में चड गया जादू
अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू,
कोई नील कंठ कोई हरिद्वार में
बम बम गूंजे सारे संसार में,
छाती पे भोला छिपवा दू सावन में चड गया जादू
अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू,
कावड़िया भुट्टी पी नाचे जब गाडी में दी जे भाजे
या गोलियां मैं तेज बना दू सावन में चड गया जादू
अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू,
सचिन भैया लिखता गाना
रेहता सोनी पत हरयाना
सोनू से जद मिलवा दू सावन में चड गया जादू
अरे रे रे जब खाए भांग के लड्डू सावन में चड गया जादू,