आयो आयो न आयो न मेरो श्याम कब से शाम हो गई
कही छलके न सबर का जाम कब से शाम हो गई
आयो आयो न आयो न मेरो श्याम कब से शाम हो गई
जोगन बन गई यादो में तेरी
जल जल हो गई राख की डेरी,
घन बनके भरसो घनश्याम कब से शाम हो गई
आयो आयो न आयो न मेरो श्याम कब से शाम हो गई
द्रोपदी ने जब तुम्ह्को पुकारा
तुमने दिया है बड के सहारा
हाथ मेरे भी बड के अब थाम कब से शाम हो गई
आयो आयो न आयो न मेरो श्याम कब से शाम हो गई
भरदो श्यामा आस का दामन चरणों में अपने धर दो श्यामा
तेरे चरणों में जीवन तमाम कब से शाम हो गई
आयो आयो न आयो न मेरो श्याम कब से शाम हो गई