भाव बिन मिले नहीं भगवान

ओ भगवन को भेजने वाले
मन में धरले ध्यान
भाव बिन मिले नहीं भगवान

दुर्योधन की छोड़ी मेवा
भय गयी विदुरानी की सेवा
शृद्धा और समर्पण से ही
रीझे है दयानिधान
भाव बिन मिले नहीं भगवान

झूठे फल शबरी के खाये
राम ने रूचि रूचि भोग लगाए
जो ढूंढे उसको मिल जाये
कहते वेद पुराण
भाव बिन मिले नहीं भगवान

ध्रुव प्रह्लाद सुदामा मीरा
नरसी भगत का मिटाया पीरा
भूल गए मोहन ठकुराई
बन गए थे गदवन
भाव बिन मिले नहीं भगवान

भाव बिना ना भक्ति सुहावे
बिना गुरु के ज्ञान ना आवे
राह ना पावे रसिक बावरे
तू मूरख नादाँ
भाव बिन मिले नहीं भगवान

श्रेणी
download bhajan lyrics (896 downloads)