न माया रही तो न रिश्ते रहे,
न कोई सम्बाले गम में पिसते रहे
न कोई यह पूछे हाल क्या है तेरा,
है माया का संसार तेरा,
ये माया बनती सबको खोता ख़राब,
है माया का ये संसार तेरा,
गरीबी में लगते है इल्जाम भी,
बिना माया लगता सबको बेमान भी,
गरीबी में साथी न कोई मेरा,
है माया का ये संसार तेरा,
ये माया अकेली किस कम की,
मिले न जो रहमत तेरे नाम की,
न तुम बिन मुरारी है कोई मेरा,
है माया का ये संसार तेरा,
न माया रही तो न रिश्ते रहे,
न कोई सम्बले गम में पिसते रहे,
न कोई यह पूछे हाल क्या है तेरा,
है माया का ये संसार तेरा.............