रे मन चल तू अब तो साई द्वारे,
अब तो साई द्वारे मनवा,
रे मन चल तू अब तो साई द्वारे,
हर घडी तुझको साई भुलाये,
तू ओरो से प्रीत लगाए,
साथ देगा कोई जीवन में,
क्यों ओरो में उलझा रे,
रे मन चल तू अब तो साई द्वारे
माया मोह का झूठा फंदा,
जिसमे फसा तू मूरख बंदा,
भूल जा अब ये गोरख धंधा,
मान के इक सपना रे,
रे मन चल तू अब तो साई द्वारे
जीवन सारा विफल गवाया तू ही बता तूने क्या क्या पाया,
अंत समय वोही काम ना आया जिसे समजा था अपना रे,
रे मन चल तू अब तो साई द्वारे