मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,
राह तके मेरे नैन ,
अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी कौन दे मोहे चैन,
मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,
स्नेह की डोरी तुम संग जोड़ी,
हम से तो न ही जाए गी तोड़ी,
हे मुरलीधर कृष्ण मुरारी तनिक न आवे चैन,
रहात तके मेरे नैन,
अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी कौन दे मोहे चैन,
मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,
जन्म जन्म से कुञ्ज निहारु बोलो किस विध तुमको पुकारी,
हे नटनागर हे गिरधारी आह न पावे बैन,
राह तके मेरे नैन
अब तो दर्श बिना कुञ्ज बिहारी कौन दे मोहे चैन,
मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,