तुमने बदल दी है मेरी,
रेखा नसीब की,
तेरे चलाये से चले,
नैया गरीब की,
तुमनें बदल दी हैं मेरी,
रेखा नसीब की।।
हँसता महकता घर मेरा,
तुमने ही तो दिया,
औकात मेरी कुछ ना थी,
तुमने बना दिया है,
तेरे ही हाथो सौंप दी,
हम ने ये जिंदगी,
तेरे चलाये से चले,
नैया गरीब की।।
तेरी कृपा ना होती तो,
कैसे ये घर चलाते,
तेरी कृपा बिना मेरे बाबा,
बच्चो को क्या खिलाते,
मुझे आज भी फिकर नहीं,
कल भी फिकर नहीं,
तेरे चलाये से चले,
नैया गरीब की।।
आया हूँ तेरे दर पे मैं,
एहसान है तेरा,
किस्मत बनाना बच्चो की,
बस काम है तेरा,
कदमो में तेरे सर मेरा,
झुकता यूँ ही नहीं,
तेरे चलाये से चले,
नैया गरीब की।।
तुमने बदल दी है मेरी,
रेखा नसीब की,
तेरे चलाये से चले,
नैया गरीब की,
तुमनें बदल दी हैं मेरी,
रेखा नसीब की।।