भोले तेरा रंग चढ़ गया शान से,
मैं घोटु तेरी भांग तू पीले आराम से,
भांग तेरी का चरचा सारे जहां में,
मैं लाया देसी भांग तू पी ले आराम से,
कैलाश पति तू उमा पति से तीन लोक का राजा रे,
गोरा माँ का पति देव तेरे गणपत गोद विराजे रे ,
जता में गंगा माथे चंदा तेरी शान रे,
मैं घोटु तेरी भांग तू पीले आराम से,
रावण को लंका दे डाली आप वसे वीराने में,
अपने तन में भस्म रमई सबको भरे खजाने से,
सब देवो में चरचा तेरा शरेआम से,
मैं घोटु तेरी भांग तू पी ले आराम से,
हरिद्वार में और नील कंठ में बम बम भोले की होली रे,
चहल दीवाना भी भोले भीम लिखता महिमा तेरी रे,
नाम तेरे का डंका भाजे चारो धाम में ,
मैं घोटु तेरी भांग तू पी ले आराम से,