तेरी रहमतो के साए जब से करीब आये
राहो में थे अँधेरे अब तारे जग मगाए,
एहसान तेरे मुझपर होने लगे है बाबा
यादो में आप की हम खोने लगे है बाबा,
जिन रास्तो पे चलना तूने रास्ते दिखाए,
राहो में थे अँधेरे अब तारे जग मगाए,
कर्जा तेरे कर्म का बड़ाता ही जा रहा है
रूठा हुआ मुकदर मेरे पास आ रहा है,
राहो से चुन के कांटे तूने फूल है खिलाये,
राहो में थे अँधेरे अब तारे जग मगाए,
कैसे करू शुकर मैं ये बात भी बता दो,
कोई भूल हो अगर तो बाबा मुझे सजा हो,
चोखानी जानता है हारे को तू जिताए,
राहो में थे अँधेरे अब तारे जग मगाए,