मुझपे भी थोड़ा सा उपकार कर दे,
श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे,
दिल का ये सपना भी साकार कर दे,
श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे....
शरण में जो आया निभाया है तुमने,
चरणों के काबिल बनाया है तुमने,
दिल में मेरे तेरी लगन, गाऊं यूँ ही तेरे भजन,
खुशियों से झोली भी सरकार भर दे,
श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे......
सुना हमने सबसे दयालु बड़े हो,
के भक्तों के संग में हमेशा खड़े हो,
होगा ख़तम कब इंतज़ार, चाहूँ प्रभु तेरा दीदार,
दयालु दया मुझ पे एक बार कर दे,
श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे.....
थके हैं कदम भी हैं छोटे सहारे,
सिवा तेरे मोहन किसे हम पुकारें,
इतना नहीं लो इम्तेहान, मुश्किल में है बेटे की जान,
मोहित के सर पे भी तू हाथ धर दे,
श्याम मेरा जीवन भी गुलज़ार कर दे.....