ओ देवा तेरी क्या शान है,
गणेशा तेरी क्या शान है
विनायक तेरी क्या शान है
प्रथम पूजे तुम्हे अंतर यामी
सारी दुनिया तेरी दीवानी
सारे जग का तू है स्वामी
इक तू ही तो महान है
ओ देवा तेरी क्या शान है,
रिधि सीधी के तुम हो दाता तुम ही हमारे भाग्य विध्याता,
हम अज्ञानी हम निर्बल है
इक तू ही तो बलवान है
ओ देवा तेरी क्या शान है,
दीं दुखी है लाज बचा लो चरण पड़े है
शरण लगा लो
बल भुधि विद्या के दाता ज्ञान के तुम भंडार हो
ओ देवा तेरी क्या शान है,