दुनिया में दातार बहुत है दिख लाते दातारी
छोटा मोटा माल कमा कर बन बैठे व्यपारी
सेठो का सेठ और दिल वाला
अपना तो सेठ बजरंग बाला
दो हाथो से मांगू मैं सो हाथो से देता है
थोडा थोडा मांगू मैं
वो लाखो में देता है
किस्मत का खोला मेरा ताला
अपना तो सेठ बजरंग बाला
अंटी खोल के देता है पगड़ी झाड के देता है
जिस पर किरपा हो जाए छप्पड़ फाड़ के देता है
इस का तो है खेल निराला अपना तो सेठ बजरंग बाला
सेठाई का क्या केहना दतारी का क्या केहना
ऐसा सोदा करता है व्यपारी का क्या केहना,
फिरवाता राम जी की माला अपना तो सेठ बजरंग बाला
जब ये देने लग जाए लेने वाला नट जाए
वनवारी नही रख पाए झोली धन से फट जाए
देखा न ऐसा देने वाला
अपना तो सेठ बजरंग बाला