भोले नाथ धरो सर पे हाथ,
हो जाए कृपा जो थारी,
हे अलख निरंजन दीजों साथ
आया शरण मैं तुम्हारी,
पग पग राह कठिन है
मन मेरा दूषित मलिन है
जीवन नीरस लगने लगा भारी
हो जाए कृपा जो थारी,
आया शरण मैं तुम्हारी,
मन से मेरे विकार मिटादो
महादेव अंधकार हटा दो
सच्ची मुझको राह दिखा दो
चरण शरण में ले लो भगवन
जाऊँ मैं वारी बलिहारी
हो जाए कृपा जो थारी
आया शरण मैं तुम्हारी