इस दुनिया से क्या मांगू मैं
मुझपे दया है मईया की
फुल किरपा है मईया की,
घर बार भी कारोबार भी है परिवार में प्यार दुलार भी है
शाहों की तरह मैं रेहता हु नोकर चाकर हे कार भी है,
आशीर्वाद पिता का भी है ममता भी है मईया की
फुल किरपा है मईया की
वरदान शारधे माँ ने दिया काली ने नाश दुष्टों का किया
शम शम करती आई लक्ष्मी सब दिया मुझे जो मांग लिया
बोली मौज किये जा मैं हु माझी तेरी नैया की
फुल किरपा है मईया की
माँगा क्दिया मंडप से दिल बदल गए मेरे तब से,
सब मुझसे यही केहते है मैं यही केहता हु सब से
पास इम्रे जो कुछ भी है वो सब करुना है मैया की