तेरे चरणों की धुल मेरे संवारे मुझे चन्दन सी लगती प्यारी है
सेवादार हु तेरे दरबार का खाटू धाम की शोभा बड़ी न्यारी है
मेरी ऊँगली पकड़ श्याम छोड़ी न हार जाऊ अगर मैं दिल तोड़ी ना,
तेरे चरणों में अर्जी हमारी है आगे मर्जी तो संवारे तुम्हारी है
सेवादार हु तेरे दरबार का खाटू धाम की शोभा बड़ा न्यारी है
तेरे चरणों की धुल मेरे संवारे मुझे चन्दन सी लगती प्यारी है
गेहरा सागर किनारा बड़ी दूर है
नाव टूटी फूटी मेरी मजबूर है तेरे बिना बहुत लाचारी है
इक तू ही मेरा पालनहारी है,
सेवादार हु तेरे दरबार का खाटू धाम की शोभा बड़ा न्यारी है
तेरे चरणों की धुल मेरे संवारे मुझे चन्दन सी लगती प्यारी है
मेरा तेरे ही भरोसे परिवार है झूठी दुनिया ये झूठा संसार है,
तेरे नाम वाली चडी ये खुमारी है संजय चेहल को छवि बड़ी प्यारी है,
सेवादार हु तेरे दरबार का खाटू धाम की शोभा बड़ा न्यारी है
तेरे चरणों की धुल मेरे संवारे मुझे चन्दन सी लगती प्यारी है