मोर मुकत हाथो में बंसी क्या घुंगराले बाल है,
लगता कमाल बाबा लगता कमाल है,
सांवली सूरत वाले तेरा क्या कहना क्या कहना है
सोने की धरकार नहीं फूलो का ही गहना है,
केसर तिलक लगाए देखो गल बैजंती माल है,
लगता कमाल बाबा लगता कमाल...
बाल तेरे घुंगराले बाबा गजरा थोड़ा लगा लेना,
नजर कही न लग जाये निम्बू मिर्ची लटका लेना,
तुझे देख कर भक्तो का तो हाल हुआ बेहाल है,
लगता कमाल बाबा लगता कमाल.......
भक्तो ने मिल कर के बाबा तुमको खूब सजाया है,
बनरा साधू लागे बाबा भक्तो को हरश्या है,
राशिक तेरे चरणों का चाकर लेता नजर उतार है,
लगता कमाल बाबा लगता कमाल.........