तर्ज : ओ साहिबा ओ साहिबा
आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे
ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ
चंदन चावल का तिलक लगाएंगे
दूध और जल तेरे सर पे चढाएंगे
ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ
आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे
भांग धतूरे का भोग लगाएंगे
नाच नाच कर हम तुझे रिझाऐंगे
ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ
आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे
ओ डमरू वाले बाघम्बर धारी
तेरी महिमा तो है सबसे न्यारी
ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ
आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे
"राजू" ध्याएगा "लाला" शीश झूकाएगा
भक्त तेरे दर से सब कुछ पा जाएगा
ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ
आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे