लगे दुल्हन सी अवध नगरी मेरे प्रभु राम आये है

जलाओ दीप घर घर में मेरे प्रभु राम आये है
लगे दुल्हन सी अवध नगरी मेरे प्रभु राम आये है

हुए अरमान अब पुरे जो बरोसे से हिरदये में थे,
जन्म भूमि पे मंदिर हो प्रभु तम्बू में कब से थे,
लो अब आई है शुभ वेला जीतने संग्राम आये है
लगे दुल्हन सी अवध नगरी मेरे प्रभु राम आये है

तभी संतो का भगतो का हुआ संकल्प अब पूरा
बहुत पेहले जो होना या हुआ अब काम वो पूरा,
करो जय गोश सब मिल कर जीत संग्राम आये है
लगे दुल्हन सी अवध नगरी मेरे प्रभु राम आये है

दीवाने राम जी के हम राम प्राणों से प्यारे है
अवध नगरी के कं कं में वसे राघव हमारे है
करो गुणगान सब मिल कर अवध की शान आये है
लगे दुल्हन सी अवध नगरी मेरे प्रभु राम आये है

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