भज ले मन तू राम राम राम
भज ले मन तू राम राम राम, जगत में कहीं नहीं विश्राम,
ज़िन्दगी है केवल संग्राम।
श्रीराम श्रीराम जय जय राम, जय जय राम बोलो जय जय राम।
पतित पावन नाम, भजले राम राम राम।
श्रीराम श्रीराम जय जय राम, जय जय राम बोलो जय जय राम।
भज ले मन तू राम राम राम . . .
जब तक मन में तृष्णा है, दूर दूर ही कृष्णा है।
पल भर का सुख त्याग यहीं पर, सुमिरन कर सतनाम।
जगत में कहीं नहीं विश्राम, ज़िन्दगी है केवल संग्राम।
भज ले मन तू राम राम राम . . .
जब तक मन ना मोड़ेगा, ये जग तुझको न छोड़ेगा।
दुनिया है काटों का जंगल, रोयेगा सर को थाम।
जगत में कहीं नहीं विश्राम, ज़िन्दगी है केवल संग्राम।
भज ले मन तू राम राम राम . . .
तन छूटे पछतायेगा, साथ धरम ही जायेगा।
परमेश्वर है प्रिया तुम्हारा, भक्ति कर निष्काम।
जगत में कहीं नहीं विश्राम, ज़िन्दगी है केवल संग्राम।
भज ले मन तू राम राम राम . . .