श्याम की नगरी में जो इक बार चला जाए 
दीवाना हो जाए वो दीवाना ही हो जाए 
भूले से न भूली जाए वो श्याम की गलियां 
दिल को हर ही लेता है वो सांवरियां छलियाँ
उस तीन वान धारी की जिस पर नजर हो जाए,
दीवाना हो जाए वो दीवाना ही हो जाए 
हारे का सहारा ये दुखड़े सब हर लेता 
रोता हुआ जो जाता है ये अनसु पोंछ देता 
खाली झोली वाले झोली भर ले जाए,
दीवाना हो जाए वो दीवाना ही हो जाए 
दर्शन करने वालो की लम्भी लगे कतारे,
बाहे फलाये दीवाने बाबा बाबा पुकारे,
वो जिस की बाह पकड़ ले करिश्मा ही हो जाए,
दीवाना हो जाए वो दीवाना ही हो जाए