झूमे श्रदा से मन आ गाये नवराते माँ के नवराते
मुरादे और मन्नते पूरी करने सभी शेरावाली संग लेके आ गये,
नवरात्रे माँ का नवरात्रे
जब जो माँगा हम को मिला है नव नो दुर्गा से,
बीच भवर थी नाव निकाली
शकती रूपा जगदम्बा ने
भव से पार है लगाने आ गये,
नवरात्रे माँ का नवरात्रे
शपत शती का पाठ करेगे माँ से मन की बात करेगे
चिंता नही चिंतन ही करेगे गंगा सवरूप की धार संग बहेगे
अमृत भी बिगाने आ गए
नवरात्रे माँ का नवरात्रे
गनपत भेरो हनुमत के संग मात निराली अन धन देगी
ज्योत परशादियाँ पवन रूप में माँ संजीव् को दर्शन देगी
गाओ भेटे भजन आ गाये
नवरात्रे माँ का नवरात्रे