साणु आना ही पिया फिर माइये तेरा सुनेहा जो आगिया
इस सुनहे तो वारी वारी जाइये तेरा सुनेहा जो आगिया
सुते जागे भाग जागी सूती तक़दीर,
माँ पल विच फेर दिति मथे दी लकीर माँ,
अस्सी क्यों न ख़ुशी मनाइये,
आपे तू बुलाया मैया आपे खेरा पाएगी,
आप कोल बैठ साणु दर्श दिखाएगी,
असि सिर न अपने झुकाइये,
इक गल मैया अज हो गई आ साफ़ ऐ,
लालां न सुनहे दाती भेजदी तू आप ऐ
तेरी मर्जी बिना किंज आइये
रात मेरे सपने च आयी तू भवानी माँ,
आया सी बुलावा ताहिंयो आये महारानी माँ
मधुर बंसी नू नाल लियाये