चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो
चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो
जनम जनम से रटन लगायी अब तो सतगुरु बनो सहाई
चरण कमल से दूर न करना बार बार मैं देऊ दुहाई
चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो
किस्मत में क्या खैर नहीं है क्या जीवन में सवेर नहीं है
देर तो हो गयी दर पे तेरी है विश्वास अंधेर नहीं है
चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो
दीन दयाल है नाम तुम्हारा हम दुखियो का परम सहारा
तुमने अभी गर फेर ली अंखिया तो यहाँ होगा कौन हमारा
चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो
दर तेरे के लाखो पुजारी मैं भी आया शरण तिहारी
तन मन धन सब वॉर के दाता मांगू तुमसे भक्ति तुम्हारी
चाहे हार हो चाहे जीत हो तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो