दर पे बुला लिया अपना बना लिया

दर पे बुला लिया अपना बना लिया,
बिगड़ी मेरी तकदीर को तूने बनाया है,
दर छोड़ कर तेरा कही ना और जाना है,
हमें अपना बना लो जय गुरु जी,
चरणों से लगा लो जय गुरु जी,

आते रहे संदेसे मुझे कितने सालो से,
उलझा रहा मैं हर दाम अपने खयालो में,
सच्चा तेरा दरबार है दर्द  ज़माना है,
दर छोड़ कर तेरा कही न और जाना है,
हमे अपना बना लो....

तू ही मेरा मात पिता है तू ही दाता है,
सिमरण तेरा वाहेगुरु यही करना आता है,
तेरे चरणों में ही अब परनाम ठिकाना है,
दर छोड़ कर तेरा कही न और जाना है,
हमे अपना बना लो....

धरती पर स्वर्ग अदि तो गुरूजी का द्वारा है,
गुरुवर मेरा सारे जगत मैं सबसे न्यारा  है,
गुरुवाणी का हर एक शब्द अनमोल खजाना है
दर छोड़ कर तेरा कही न और जाना है.
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