तर्ज - जब कोई बात बिगड़ जाये...
जहाँ बाबोसा का बसेरा
वहाँ सुखों का होता सवेरा
इनकी शरण मे आते ही
मिट जाता गम का अंधेरा
जो खोया है , वो पायेगा , जिन्दगी में तू द्वार तो आ,
जहाँ बैठा नाथ मेरा वो चुरूधाम
चमत्कार जो करते हरपल वो तांती भभूति,
जल श्रद्धा से जिसने भी लगाई मिलता फल,
ना कोई है , ना कोई था , दिलबर तेरे सिवा यहाँ
करु नमन में बारम्बार ....वो चुरूधाम
जिस द्वार से मिलता बल
वहाँ हर मुश्किल होती हल
जहाँ होगा काम तेरा
वो चुरूधाम -
।।।।
✍️ रचनाकार ✍️
दिलीप सिंह सिसोदिया
❤️ दिलबर ❤️
नागदा जक्शन म.प्र .