मंगल गीत बधाई, गावो मंगल गीत बधाई,
प्रक्टी शुक्ल पक्ष अष्टमी, बगलामुखी महामाई - गावो
अष्टदश महाविद्या जगत में, कीन्हा दिव्य प्रकाश।
दश महाविद्या में महाशक्ति, बगलामुखी विख्यात ।।
कर पूजा प्रगटाई विष्णु, बगलामुखी महामाई - गावो
देश धर्म समाज की रक्षक, सब सुखों की सार।
नाम एलाही, काम एलाही, बगलामुखी सरकार ।।
अद्भुत शोभा कही ना जावे, पीताम्बरा माई - गावो
मन्त्र यन्त्र तन्त्र महाशक्ति, करती खेल न्यारे।
पाप शाप दुःख दोष भय हरणी, पल में नज़र उतारे ।।
दासमधुपमैया मन भावे, मन की निर्मलताई - गावो
लेखक : श्रीकेवल कृष्ण मधुप (मधुप हरि महाराज)