तुम्हारा छोड़ कर दमन बताओ मैं कहाँ जाऊं
दयालु आप सब सा भगवन, बताओ मैं कहाँ पाऊँ
अजामिल सा अधम पापी तारा था नाम लेने से
भगत केवट सरीखा भाव हे भगववान कहाँ से कौन
तुम्हारा छोड़ कर दमन बताओ मैं कहाँ जाऊं
ना भक्ति है ना शक्ति है, ना अच्छी भावनाएं हैं
तेरी किरपा से संभव है, प्रभु जी मैं तर जाऊं
तुम्हारा छोड़ कर दमन बताओ मैं कहाँ जाऊं
अजामिल गीद गणिका की प्रीत थी राम जी तुम में
ना प्रीती है ना रीति है, बजाओ मैं कहाँ जाऊं
तुम्हारा छोड़ कर दमन बताओ मैं कहाँ जाऊं