तर्ज - सुरमई अँखियों में
तूही मेरी दुनिया , तेरा मेरा ,
एक अनुठा रिश्ता रे
लाडले तूही मेरी जान ,
तूही तो कुल की शान है
रहे साथ हम ओ रहे साथ
हर जनम हम रहे साथ
तूही मेरी दुनिया तेरा मेरा...
महक उठा घर आँगन मेरा
पाँव पड़ा जब से यहाँ तेरा जागी आशा ,
दूर हुई मेरी निराशा
पूरी हुई मेरी हर कमी , उम्मीदे ये तुझपे थमी
तूही मेरी दुनिया , तेरा मेरा ,
एक अनूठा रिश्ता रे
लाडले तूही मेरी जान ,
तूही तो कुल की शान है
रहे साथ हम ओ रहे साथ
हर जनम हम रहे साथ
युग युग जिये राज दुलारा
तुझपे ही वारु में जीवन सारा
इतना करना , के साथ तू माँ के रहना
मिनल की कहती जुबां , दिलबर माँ की दास्तां
तूही मेरी दुनिया , तेरा मेरा ,
एक अनूठा रिश्ता रे
लाडले तूही मेरी जान ,
तूही तो कुल की शान है
रहे साथ हम ओ रहे साथ
हर जनम हम रहे साथ
✍️ दिलीप सिंह सिसोदिया