ओ माता रानी हम घरवालो से ये केह के आये है
तुमने भुलाया हम को और हम आये है,
ओ माता रानी हम घरवालो से ये केह के आये है
उचे पर्वतों पे तेरा निवास है मैया
नीचे भगतो की भीड़ लगी है मैया
बड़ी दूर से हम चलके आये है,
तुमने भुलाया हम को और हम आये है,
सब के कष्टों को तू हरती है मैया,
मेरी भी वेचैनी तुम समजो न मैया,
खाली हाथ तेरे दर पर कुछ लेने आये है
तुमने भुलाया हम को और हम आये है,