मेरे अंगना में छाई बहार मेरे घर माँ आई,
प्यारा लगने लगा संसार मेरे घर माँ आई,
आज मुरादों का दिन आया माँ ने अपना वाधा निभाया,
देखो होके सिंह सवार मेरे घर माँ आई,
मेरे अंगना में छाई बहार मेरे घर माँ आई,
ऐसा रूप नजरिया का है चंदा भी शरमा जाता है,
आज लू मैं नजर उतार मेरे घर माँ आई,
मेरे अंगना में छाई बहार मेरे घर माँ आई,
अपनी खुशी मैं कैसे छुपाऊ,
पंकज पर बलिहारी जाऊ,
मेरा सपना हुआ साकार मेरे घर माँ आई
मेरे अंगना में छाई बहार मेरे घर माँ आई,