धुन- क्या मिलिए ऐसे लोगों से
इस बेदर्द ज़माने का, अब रहा मुझे एतबार नहीं l
यार मेरा है श्याम धनी, किसी और की अब दरकार नहीं ll
*जब से यारी हुई श्याम संग, हर पल मौज़ उड़ाता हूँ,
अपने सुख दुःख की केवल, "मैं इनको ही बतलाता हूँ" ll,,
जितना इसने प्यार दिया, है दिया किसी ने प्यार नहीं l
यार मेरा है श्याम धनी, किसी और की अब दरकार नहीं l
*देख लिया हर रिश्ता मैंने, देख लिया हर नाता है,
जैसा रिश्ता श्याम निभाता, "वैसा कौन निभाता हैं" ll,,
झूठें हैं जग के सब रिश्ते, श्याम सा रिश्तेदार नहीं l
यार मेरा है श्याम धनी, किसी और की अब दरकार नहीं l
*राजा हो या रंक सभी को, एक बराबर माने हैं,
सब के मन की, बात यह शर्मा, "अच्छी तरह से जाने हैं" ll,,
न्यायधीश नहीं श्याम के जैसा, खाटू सी सरकार नहीं l
यार मेरा है श्याम धनी, किसी और की अब दरकार नहीं l
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल