डंका बाज रहा कलयुग में घर घर बाबा श्याम का
आओ मिलकर सभी जलाएं एक दीप मेरे श्याम का
एक दीप मेरे श्याम का .............
खाटू की पावन गलियों में गूजन रहा जैकारा है
शीश का दानी लखदातारी बाबा श्याम हमारा है
दूर करे जो अंधियारे को श्याम नाम बड़े काम का
आओ मिलकर सभी जलाएं एक दीप मेरे श्याम का
एक दीप मेरे श्याम का .............
जब भी करी फरियाद श्याम से लीले चढ़ कर आया है
भक्तों की नैया को मेरे श्याम ने पार लगाया है
उसकी नैया कभी ना डूबे जिसे सहारा श्याम का
आओ मिलकर सभी जलाएं एक दीप मेरे श्याम का
एक दीप मेरे श्याम का .............
आता जो भी श्याम शरण में होता भव से पार है
हारे का ये साथी बाबा सबका खेवनहार है
कहता प्रेमी श्याम बिना ये जीवन है किस काम का
आओ मिलकर सभी जलाएं एक दीप मेरे श्याम का
एक दीप मेरे श्याम का .............