कहा पे है मेरे घनश्याम राधा रो रो केहती है

कहा पे है मेरे घनश्याम राधा रो रो केहती है
राधा रो रो केह्ती है के राधा रो रो केहती है
सताए उनकी वो मुस्कान राधा रो रो केहती है

मुरली याद आती है जो राधा को सताती है,
ना जाने है कहा गिरधर नही अब नींद आती है
रुलाये तन से निकले प्राण राधा रो रो केहती है

बातो बात में झगड़ा ये माखन का चुरा लेना
ये राधा भूल न पाए सता कर वो मना लेना
न जाये दिल से उनकी याद
राधा रो रो केहती है

श्रेणी
download bhajan lyrics (798 downloads)