छोटी सी उम्र में जो बोले श्री रामा,
सूरज निकल गए बाल हनुमाना
अतुलित बल बल दाई है
हनुमत सदा सुख दाई है
अंजनी लाला फल दई है
भगतो के सदा सहाई है
अंजनी मैया मुस्काई है
वज्र लगा हनुमत कहाए,देवो ने वर दे डाला
भूल गए शक्ति फिर अपनी पुत्र पवन केसरी लाला
याद दिलाने पर उधम मचाते
बाल लीला बजरंगी अपनी दिखाते
प्रभु बने रघुराई है
हनुमत सदा सुख दाई है
अंजनी लाला फल दई है
मैया मुखड़ा देख लुभाती
मेरा इक खजाना है
रखती आंचल में वो हर दम दूर नजर से न जाना है
ऋषियों को तंग हनुमान करे वन में
पक्षियों के संग खेल खेलते गंगन में
बने जो कुल के सहाई है
हनुमत सदा सुख दाई है
अंजनी लाला फल दई है
राम सिया के काज सवारे ऐसे मेरे महाबली
रुदर अवतारी हनुमंता चारो दिशा है जिस की चली,
भगतो में दया दृष्टि दानवो का काल है
आदि अन्तं हनुमंत विकराल है
मन निरमल सुखदाई है
हनुमत सदा सुख दाई है
अंजनी लाला फल दई है