तर्ज - गोरी है कलाइय्या तू लादे मुझे....
सुनलो कहानी , ओ भक्तो मेरी जुबानी
श्री बाबोसा भगवान की सुनलो कहानी .....
महिमा सुनाऊं तुमको , में चुरू धाम की
जलती है ज्योत जहां , बाबोसा के नाम की
है धाम सुहाना , जहाँ झुकता जमाना
माँ छगनी सुत , बलवान की सुनलो कहानी .....
कोठारी कुल में जन्म है पाये
घेवरचंद जी के लाल कहाये
मिली जन्म से भक्ति , ओ पाई अदभुत शक्ति
बचपन मे छोड़ी बाजी , प्राण की सुनलो कहानी .....
बाल अवस्था मे जो स्वर्ग सिधाये
हनुमत जिनको अपनी गोद बिठाये
कलयुग में पूजाये , श्री बाबोसा देव कहाये
ये जोड़ी है बाबोसा हनुमान की सुनलो कहानी .....
मिग्सर पंचमी की महिमा न्यारी
लगता है चुरू में मेला बड़ा भारी
ऐसा लगता है दिलबर , उतारा हो स्वर्ग धरा पर
धन्य धरा ये धर्म ध्यान की सुनलो कहानी .....
✍️ रचनाकार ✍️
दिलीप सिंह सिसौदिया
" दिलबर "
नागदा जक्शन म.प्र.