आन बाण और शान है जो अग्रवाल समाज की ,
मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की ।
मात भगवती देवी और बल्लभसेन के जाये,
नागवंश की राजकुमारी माधवी के संग ब्याहे,
तीन लोक में फैली ख्याति अग्रवंश सम्राट की,
मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की ।
अग्रसेन महाराज ने अठारह गोत्र बनाये,
अग्रसेन के वंशज सारे अग्रवाल कहलाये,
स्वर्णिम गौरव-गाथा है जी अग्रवंश इतिहास की,
मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की ।
पाप अधर्म और हिंसा से जब अंधकार था छाया,
सत्य अहिंसा का इन्होंने सब को मार्ग दिखाया,
"सौरभ मधुकर" नींव पड़ी तब अग्रोहा साम्राज्य की,
मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की ।
भजन गायक - सौरभ मधुकर
भजन रचयिता - मधुकर
संपर्क - 9831258090