हारे का कोई सहारा ना होता
अगर तुम ना होते..
तुम्हे देख के श्याम लगता है ऐसे,
भक्तो का दिल तेरा मंदिर हो जैसे,
दिखाई ना देती, करुणा की ज्योति,
अगर तुम ना होते...
हमें जो तुम्हारा द्वारा ना मिलता,
भटकते ही रहते, किनारा ना मिलता,
अंखिया ये दिन रात रहती बस रोटी,
अगर तुम ना होते....
दिल से मेरे अब ये आवाज़ आई,
नहीं सही जाए है तेरी जुदाई,
किस्मत ये मेरी रह जाती सोती,
अगर तुम ना होते....
- कुंवर दीपक