कर दे सभी पे उपकार,
बाबा दुखिया खड़े जो तेरे द्वार है
बिन तेरी मर्जी इक भी पता न गिरे कभी डाल से,
अपने भगत की बिगड़ी बना के पल में जीवन सवार दे
करदे कर्म तू इस वार बाबा दुखिया खड़े जो तेरे द्वार है
कर दे सभी पे उपकार बाबा दुखिया खड़े जो तेरे द्वार है
जितना चरण सुख बरसे याहा पे वो न और कही पाउ,
शीश के दानी ओ वरदानी तुझपे बलिहारी जाऊ,
जीने का तू ही है आधार बाबा दुखिया खड़े जो तेरे द्वार है
कर दे सभी पे उपकार बाबा दुखिया खड़े जो तेरे द्वार है