श्याम सलोनी छवि देख के सुधभुध मेरी खो गई रे,
मैं श्याम धनि की हो गई रे,
सिर पर मोर मुकट चमके,
चंदा जैसा मुखड़ा दमके,
जब मेरी नजर से नजर मिली तो मुझे महोबत हो गई रे,
मैं श्याम धनि की हो गई रे,
नैना है काले मत वाले और होठ लगे अमृत प्याले,
काली काली घुंगरली लट में जान की दुश्मन बन गई रे,
मैं श्याम धनि की हो गई रे,
सच कहता राज अनाडी है भागे की रंगत न्यारी है,
फूलो की धीमी खशबू में दीक्षा दीवानी हो गई रे,
मैं श्याम धनि की हो गई रे,